DR DEEPTI GAUR

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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता - बेटी सृष्टि का आधार 19-Sep-2022

# हिन्दी दिवस प्रतियोगिता


बेटी सृष्टि का आधार



भोर की पहली किरण है बेटी

जो हरती है तम को ।

उजियारा फैला देती है घर आंगन में,

बेटी है देवी का रूप 

जो बिखराती है आशीषों के सुमन ।

उत्सव की संपूर्णता निहित होती है 

कन्या पूजन में ।

स्थापित की जाती है मां की प्रतिमाएं,

देवी का पूजन कर तो पुरुष भी लेता है आशीष ।

फिर भी मानव बनना चाहता है पाप का भागीदार ।

जिसके अस्तित्व से है दुनिया का रचना संसार ।

उस कन्या रूपी देवी को 

जीवन जीने का है संपूर्ण अधिकार ।

मत मारो कोख में उसे 

वही है सृष्टि का आधार।

 वही है सृष्टि का आधार।




© रचनाकार

डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप" 

शिक्षाविद् एवम् कवयित्री

ग्वालियर मध्यप्रदेश भारत

सर्वांगीण दक्षता हेतू राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक,विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित

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6 Comments

बहुत ही उम्दा सृजन,,, लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Swati chourasia

20-Sep-2022 01:24 PM

Very nice

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Raziya bano

19-Sep-2022 10:54 PM

Nice

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